प्रिय छात्र - छात्राओं !
रामदेव शारदा महाविद्यालय, सालमारी में हम आपका हार्दिक स्वागत करते हैं । आपने उच्च शिक्षा केन्द्र में अपना नामांकन लिया है। अतः आपके सुखद और उज्ज्वल भविष्य की हम कामना करते हैं । महाविद्यालय में प्रवेश के इस अवसर पर आज
हमें आपसे दो-चार बातें करने की इच्छा हो रही है।
मानव जीवन संघर्ष भरा होता है। पारिवारिक और सामाजिक समस्याएँ विविध रूपों में हमारे समक्ष होती हैं । प्रत्येक दिन इनसे हमे जूझना पड़ता है। इन समस्याओं के बीच हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की चुनौती होती है। तो लक्ष्य प्राप्त कैसे करें ? सफलता कैसे मिले इस पर विचार आवश्यक है। इसके तीन 'सी' हैं। सबसे पहली है Concentration अथात् चित्त की एकाग्रता । यदि आप चित को एकाग्र करने का प्रयत्न करते हैं, चित्त की एकाग्रता में स्वयं को ले आते हैं तो इसका लाभ यह होगा कि आपका ध्यान समस्याओं की ओर न जाकर केवल लक्ष्य की ओर होगा । यह एकाग्रता लक्ष्य पथ को निष्कंटक करने में पूर्ण सहायक होगी, आप में आत्मबल और आत्मविश्वास आएगा। इससे आप उत्साह पूर्वक आगे बढ़ते रहेंगे।
दूसरी 'सी' है Consistence या कहें कि Consistency अर्थात् दृढ़ता। चित्त की एगाग्रता के साथ ही आपको लक्ष्य के प्रति दृढ़ता आवश्यक है। मन चंचल होता है। समस्याएँ आपको विचलित करना चाहती हैं, ताकि आप लक्ष्य से भटक जाएँ। किन्तु लक्ष्य पर डटे रहना ही चित्त की दृढ़ता है, संकल्प है। यह वह डोर है जो उफनती नदी में, यदि आपने इसे जोर से पकड़ा है तो पार लगा देती है।
तीसरी 'सी' है Co-Operation अर्थात् एक ही लक्ष्य पर काम करना । अर्जुन ने पक्षी की केवल एक आँख को ही देखा | और लक्ष्य वेध दिया । जरा सोचिए, यह कैसे हुआ ! चित की एकाग्रता और दृढ़ता ने उसे इन्द्रिय संयमी बना दिया । अस्त्र-शस्त्रों का अभ्यास निरंतर चल रहा था। गुरू से उत्साहवर्धन प्राप्त हो रहा था। इस प्रकार सारी परिस्थितियाँ अनुकूल होकर सहायक हो गई थी।
प्रिय छात्र - छात्राओं, आप उन महान व्यक्तियों की जीवनी पढ़े, जो विपरीत परिस्थितिथियों में भी सफल होकर समाज और देश के नायक बने हैं। उनकी जीवनी आपके लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी ।
आपके सुखद भविष्य की अनन्त शुभकामनाओं के साथ-
डॉ० (प्रो०) दिलीप कुमार यादव
प्रधानाचार्य
रामदेव शारदा महाविद्यालय सालमारी, कटिहार